दोस्तों आज हम Gulshan Kumar biography in hindi इस पोस्ट के माध्यम से मशहूर फिल्म निर्देशक गुलशन कुमार की जीवनी के बारे में जानकारी जानने वाले हैं| गुलशन कुमार का करिअर, परिवार, रिश्ता, उनके हत्या कांड के बारे मे, सामाजिक जीवन, उनके द्वारा निर्मित फिल्मे, महत्वपूर्ण तथ्य और भी बहुत सारी जानकारी जानने वाले हैं। अगर आपको गुलशन कुमार के जीवन के बारे मे विस्तार से जानकारी चाहिए तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।
Table of Contents
Gulshan Kumar Biography In Hindi
मुद्दा | जानकारी |
पूरा नाम | गुलशन कुमार दुआ (Gulshan Kumar Dua) |
उपनाम | गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) |
जन्मदिन | 5 मई,1951 |
जन्म स्थान | नई दिल्ली, भारत |
आयु | 46 साल पुराना (1997 के अनुसार) |
राशि चक्र | वृषभ राशि |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिंदू धर्म |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
मृत्यु तिथी | 12 अगस्त 1997 |
मृत्यु दिन | मंगलवार |
मृत्यु स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
घर का पता | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
शौक | यात्रा करना और संगीत सुनना |
डेब्यू हिंदी फिल्म | लल्लू राम |
नेट वर्थ | 500 करोड़ रुपये |
गुलशन कुमार का शारीरिक माप
ऊँचाई (लगभग ) | सेंटीमीटर में ऊंचाई- 173 सेमी मीटर में ऊँचाई – 1.73 वर्ग मीटर फीट इंच में ऊँचाई- 5′ 8″ इंच |
वजन (लगभग) | वजन किलोग्राम में – 70 किग्रा वजन पाउंड में- 154 पाउंड |
त्वचा का रंग | मेला |
आंखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
गुलशन कुमार का करियर (Gulshan Kumar biography of career)
गुलशन कुमार जी एक फल जूस विक्रेता चंद्रभान कुमार दुआ का बेटा था और वह भारत की राजधानी दिल्ली में दरियांज मोहल्ले में पर काम करता था। गुलशन कुमार ने बहुत कम उम्र में ही अपने पिता चंद्रभान के साथ काम करना शुरू कर दिया था। गुलशन जी श्री शिव जी और देवी पार्वती के समर्पित उपासक थे।
गुलशन कुमार 23 साल की उम्र मे अपने परिवार के मदद से एक दुकान प्राप्त की और कम दाम मे ऑडियो कैसेट बेचने लगे। यह उनके करिअर की एक छोटी सी शुरुआत थी। गुलशन जी अपने समर्पण और कड़ी मेहनत की वजह से संगीत के दिग्गज बन गए। संगीत व्यवसाय में गुलशन जी ने “सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज” नाम से खुद कैसेट बनाना शुरू कर दिया था और इसके बाद उन्होंने अपनी खुद की म्यूजिक कंपनी ‘टी-सीरीज’ की शुरुवात की।
साल 1989 में गुलशन कुमार की पहिली बॉलीवुड फिल्म “लाल दुपट्टा मलमल का” के साथ सिल्वर स्क्रीन पर खुद को प्रदर्शित किया था। उस फिल्म में रोमांटिक गीतात्मक और यादगार गाने भी थे। वह फिल्म एक महान लोकप्रिय फिल्म घोषित हुई। गुलशन जी की अगली फिल्म आशिकी थी और इस फिल्म के अभिनीत राहुल रॉय, दीपक तिजोरी और अनु अग्रवाल थे। यह फिल्म सबसे बड़ी संगीतमय ब्लॉकबस्टर फिल्म बन गई थी। उस फिल्म को लोग आज भी रोमांटिक और मधुर संगीत के लिए याद किया करते है।
गुलशन कुमार की अगली दो फ़िल्में, “बहार आने तक” और “जीना तेरी गली में” यह है, मगर ये फिल्मे अच्छी नहीं चलीं थी। लेकिन इन दोनों फ़िल्मों के संगीत बहुत लोकप्रिय रहे थे। आमिर खान और पूजा भट्ट की साल 1991 की फिल्म “दिल है की मानता नहीं” ने काफी अच्छी कमाई की थी, पर इस फिल्म की संगीत एक बहुत बड़ी सफलता थी। फिल्म उद्योग में गुलशन कुमार ने खुद को संगीत टाइकून के रूप में स्थापित किया था। गुलशन जी की अन्य फिल्म मीरा का मोहन, ऐ मिलन की रात और जीना मरना तेरे संग यह शामिल हैं, लेकिन ये फिल्मे बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थी।
गुलशन कुमार फिल्म क्षेत्र में एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व होने के अलावा, अपने धन का एक बड़ा हिस्सा समुदाय को दान करके वह प्रमुख व्यवसायियों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया था। श्री माता वैष्णो देवी के मंदिर में आने वाले यात्रियों को मुफ्त भोजन के लिए गुलशन जी ने एक भंडारा की स्थापना किया हैं।
गुलशन कुमार का परिवार और रिश्ता
गुलशन कुमार के पिता का नाम चंद्रभान कुमार हैं। गुलशन जी के बेटे का नाम भूषण कुमार है और वह टी-सीरीज चलाते हैं। गुलशन कुमार की पत्नी का नाम सुदेश कुमारी था और उनका जन्म साल 1959 में हुआ था। वो भी गुलशन कुमार के साथ मुंबई मे रहती थी और वह पेशे से एक गृहिणी थी। गुलशन कुमार को दो बेटियां हैं और एक का नाम तुलसी कुमार है और वह पेशे से एक पार्श्व गायिका हैं। दूसरी बेटी का नाम खुशाली कुमार है और वह पेशे से एक भारतीय अभिनेत्री और फैशन डिजाइनर भी हैं।
गुलशन कुमार के हत्या कांड के बारे में
गुलशन कुमार की हत्या 12 अगस्त साल 1997 को मुंबई के अंधेरी वेस्ट उपनगर जीत नगर में एक जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर 16 बार गोली बार करके कर दिया था। गुलशन कुमार के हत्या के दिन उनका अंगरक्षक कथित तौर पर बीमार था।
गुलशन जी को दो बार 5 और 8 अगस्त 1997 को जबरन पैसों के लिए धमकी भरे फोन भी आए थे। इस बात का उन्होंने खंडन किया था। लगभग 10 बजकर 40 मिनिट सुबह मंदिर से वापस जाते समय गुलशन कुमार का सामना एक हत्यारे से हुआ था। शुरुवाती गोली बार में टी गुलशन कुमार बच गए थे और वह आस-पास के इलाके में आश्रय भी मांगा था लेकिन लोगों ने मना कर दिया था। गुलशन कुमार के ड्राइवर सूरज ने उनकी मदद करने के लिए कोशिश किया तो उनके दोनों पैरों में गोली मार दी गई थी।
हालांकि पुलिस ने नदीम और श्रवण पर हत्या की योजना बनाने का आरोप लगाया था। अब्दुल रऊफ ने 9 जनवरी 2001 को गुलशन कुमार की हत्या के लिए पैसे मांग करने की बात को कबूल किया था। रऊफ का एक हत्यारा होने का सबूत देने में विफल रहने के आधार पर उसे मौत की सजा के बजाय आजीवन कारावास की सजा 29 अप्रैल 2009 को सुनाई गई थी। बाद में उनके परिवार की इच्छा के अनुसार दिल्ली में गुलशन कुमार का अंतिम संस्कार किया गया था।
गुलशन कुमार का सामाजिक जीवन (Gulshan Kumar Social Life)
गुलशन कुमार एक फिल्म मीडिया में बहुत बड़ी हस्ती होने के बावजूद काफी सामाजिक और जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। वैष्णो देवी में एक भंडारी का आयोजन गुलशन जी करते थे, जहाँ तीर्थयात्रियों को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराया गया था।
गुलशन कुमार साल 1992-1993 में सबसे अधिक कर दान करने वाले व्यक्ति थे।
गुलशन कुमार की एक फिल्म ‘मोगुल’ बनी है और इस फिल्म का निर्देशन सुभाष कपूर ने किया हैं। इस फिल्म की स्टार कास्ट अभी तक फाइनल नहीं हुवा हैं, लेकिन मोनी रॉय, अब्दुल कादिर अमीन और विक्रम गोखले इस फिल्म में शामिल हैं। अक्षय कुमार के बाद आमिर खान ने भी इस फिल्म में मुख्य किरदार निभाने के लिए मना किया है।
गुलशन कुमार के बारे मे रोचक तथ्य और रहस्य
• गुलशन कुमार पूरी तरह से एक धार्मिक व्यक्ति थे और वो कई तरह के धार्मिक वीडियो में दिखाई दिये हैं।
• गुलशन कुमार के टी-सीरीज़ द्वारा रिलीज़ किया गया पहला बॉलीवुड गाना लल्लू राम इस फिल्म का था।
• टी सीरीज कंपनी की शुरुवात दिल्ली में किया गया था लेकिन उसे बहुत जल्द ही मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया।
• गुलशन कुमार ने सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल और नदीम श्रवण जैसे महान गायकों और संगीतकारों को कुछ करने के लिए पहला मौका दिया।
• गुलशन कुमार की हत्या योजना के मुख्य वास्तुकारों में से एक संगीतकार नदीम अख्तर भी थे और उन्होंने देश ही छोड़ दिया है और वह अभी भी लंदन में ही है।
• गाने के कैसेट के अलावा गुलशन कुमार छत के पंखे, अगरबत्ती और डिटर्जेंट आदि का निर्माण भी करते थे।
गुलशन कुमार द्वारा निर्मित फिल्में
• लाल दुपट्टा मलमल का 1989
• आशिकी 1990
• बहार आने तक 1990
• आई मिलन की रात 1991
• जीना तेरी गली में 1991
• दिल है के मानता नहीं 1991
• जीना मरना तेरे संग 1992
• मीरा का मोहन 1992
• कसम तेरी कसम 1993
• आजा मेरी जान 1993
• जय माँ वैष्णव देवी 1995
• बेवफा सनम 1995
• चार धाम 1998
• पापा – द ग्रेट 2000
दोस्तों आज अपने हमारे Gulshan Kumar Biography in hindi इस पोस्ट में गुलशन कुमार के जीवन की काफी सारी बातों के विस्तार से जाना हैं। हमने काफी जानकारी हासिल कर इस पोस्ट को लिखा हैं, हमे आशा हैं, की हमारा यह पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा। आपको अगर इस पोस्ट के बारे कोई सुझाव या सवाल हो तो आप हमे कंमेंट् में बता सकते हो और साथ में यह पोस्ट कैसा लगा ये भी जरूर बताना। आपको हमारे द्वारा लिखा गया Gulshan Kumar biography in hindi यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और परिवार के साथ share जरूर करे। धन्यवाद।
यह भी जरूर पढ़े :-
1) जान कुमार सानू की जीवनी
2) राहुल वैद्य की जीवनी
3) दर्शन रावल की जीवनी
4) रोहन प्रीत सिंह की जीवनी
5) नेहा कक्कड़ की जीवनी
(Gulshan Kumar biography in hindi)