मित्रों हमने इस लेख मे महान महर्षि पतंजलि के अनुसार दुःख के प्रकार कितने होते है? उस बारे मे जानकारी को आपके साथ साझा किया है।
महर्षि पतंजलि के अनुसार दुःख के प्रकार कितने होते है?
महर्षि पतंजलि के अनुसार दुःख के प्रकार तीन है। पहला दुःख का प्रकार आध्यात्मिक, दूसरा दुःख का प्रकार आधिभौतिक और तीसरा दुःख का प्रकार आधिदैविक है।
1) आध्यात्मिक दुःख :- व्याधि आदि के कारण, काम क्रोध के कारण या इंद्रियों में किसी प्रकार की विकलता होने के कारण जो शरीर और मन में ताप या पीड़ा होती है, उसको आध्यात्मिक दुख कहा जाता हैं ।
2) आधिभौतिक दुःख :- मनुष्य, सिंह, पशु, पक्षी, व्याध, मच्छर और अन्य जीवों की वजह से होने वाली पीड़ा या ताप को आधिभौतिक दुख कहते है।
3) आधिदैविक दुःख :- वर्षा, भूकंप, सर्दी, गर्मी इसके अलावा और कई घटना जो नैसर्गिक रूप से होती है, उस घटना से होने वाली पीड़ा को आधिदैविक दुःख कहते है।
आपको हमारे द्वारा दी गयी महर्षि पतंजलि के अनुसार दुःख कितने प्रकार के होते है? यह जानकारी अच्छी लगी होगी। आपको अगर यह जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे share जरूर करें।